केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का चंडीगढ़ दौरा पूरी तरह से निराशाजनक : लक्की

चंडीगढ़।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का हाल ही में चंडीगढ़ दौरा पूरी तरह से निराशाजनक और महत्वहीन रहा, क्योंकि यह शहर के निवासियों को कुछ भी राहत देने में विफल रहा, जो इस यात्रा से कुछ राहत की उम्मीद कर रहे थे। चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष एच.एस. लक्की ने यह बात आज एक बयान जारी कर कही। लकी ने कहा वास्तव में भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने अपने घोषणापत्र में चंडीगढ़ के निवासियों से किए गए तीन प्रमुख वादों से पूरी तरह पलटी मार ली है। सबसे पहले, चंडीगढ़ में औद्योगिक और वाणिज्यिक संपत्तियों को लीजहोल्ड से फ्रीहोल्ड में बदलने की किसी भी नीति से इनकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा प्रस्तुत किया गया। दूसरे, चंडीगढ़ से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी द्वारा लोकसभा में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में कहा गया कि हाउसिंग बोर्ड की आवासीय इकाइयों के निवासियों द्वारा किए गए आवश्यकता अनुसार परिवर्तनों को राहत देने की कोई योजना नहीं है। अंत में, अब कांग्रेस पार्टी के संज्ञान में आया है कि चंडीगढ़ प्रशासन ने एक उत्तर तैयार किया है, जिसमें उसने पुष्टि की है कि कॉलोनियों के आवंटियों को कोई मालिकाना हक नहीं दिया जाएगा। इससे भाजपा का असली चेहरा सामने आ गया है, जिसने चंडीगढ़ के निवासियों से झूठे वादे किए और उनकी भावनाओं के साथ खेला। कल भी केंद्रीय गृह मंत्री शहर से संबंधित किसी भी बड़े मुद्दे को दूर करने में विफल रहे और हितधारकों से मिलने की भी जहमत नहीं उठाई। वह केवल दो प्रमुख मुद्दों के लिए आए थे 24×7 पानी की आपूर्ति, जो शहर के निवासियों की जेब पर भारी पड़ने वाली है। दूसरा तीन कानूनों को लागू करना, जिन्हें अभी भी कई लोग राज्य को अधिक शक्तियां देने के रूप में देख रहे हैं, जो बदले में उनका दुरुपयोग कर सकते हैं, जिससे आम नागरिकों के अधिकार कम हो सकते हैं। चंडीगढ़ भाजपा शहर में अपने केंद्रीय मंत्रियों के असंख्य दौरों का दावा करती रही है, उसे यह बताना चाहिए कि चंडीगढ़ के निवासियों को ऐसे दौरों से क्या लाभ हुआ है? लक्की ने आगे पूछा कि भाजपा अपनी हाल में हुई हार से इतनी घबरा गई है चाहे मेयर चुनाव हो या लोकसभा का चुनाव कि वह सरकारी कार्यक्रमों को पार्टी के कार्यक्रमों में बदलने की अवस्था में आ गई है। लक्की ने अधिकारियों को सलाह दी कि वे भाजपा की इन चलकियो और चालबाजियों का शिकार न बनें जैसा कि चंडीगढ़ प्रशासन पहले भी करता रहा है।

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